शुचि मुद्रा के लिए दोनों हाथों के अंगूठे अन्दर की ओर करके मुट्ठियां बन्द कर छाती के सामने ले आएं। सांस भरते हुए दाएं हाथ को सीधा सामने की ओर ले जाए औ
Read Moreशंख मुद्रा बाएं हाथ के अंगूठे को दाएं हाथ की मुट्ठी में बंद कर लें और दाएं हाथ के अंगूठे को बाएं हाथ की सबसे बड़ी मध्यमा अंगुली के अग्रभाग से मिला
Read Moreध्यान मुद्रा सुखासन में या पदमासन में बैठ कर बायां हाथ अपनी गोद में रखें। हथेली ऊपर की ओर रखें। दाएं हाथ को बाएं हाथ की हथेली के ऊपर रखें। अब
Read Moreदोनों हाथों की उंगुलियाँ और अंगूठे को आपस में फंसा कर ग्रिप बना लें और तर्जनी उंगुलियों को सीधा नीचे की ओर रखें। यदि मुद्रा बैठ कर लगाएं, तब तर्जनी उ
Read Moreसबसे छोटी उंगली को अंगूठे की जड़ में लगाएं। अनामिका अंगुली के शीर्ष को अंगूठे के बीच वाले भाग में लगाएं। मध्यमा अंगूले को अंगूठे के शीर्ष भाग से मिला
Read Moreगणेश मुद्रा जिस प्रकार हम जो कार्य गणेश जी की पूजा/अर्चना से करते हैं वही कार्य गणेश मुद्रा से भी कर सकते हैं। हिन्दु हमेश कोई भी शुभ कार्य कर
Read Moreशक्ति मुद्रा शक्ति मुद्रा दो प्रकार से लगाई जा सकती है। पहली विधि : पहली विधि में दोनों हाथों के अंगूठे को अन्दर कर मुट्ठियां बन्द क
Read Moreव्यान मुद्रा तर्जनी और मध्यम अंगुली के अग्र भाग को अंगूठे के अग्र भाग से मिला कर बाकी की अंगुलियों को सीधा रखने से व्यान मुद्रा बनती है। व्
Read Moreदाएं हाथ की तर्जनी अंगुली को बाएं हाथ की मध्यम अंगुली से लगाएं और बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली को दाएं हाथ की मध्यम अंगुली से लगाएं। फिर दाएं हाथ की अना
Read Moreतर्जनी उंगुली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाकर और मध्यम और अनामिका अंगुली के अग्र भाग को अंगूठे के अग्रभाग से मिलाएं। सबसे छोटी अंगुली को सीधा रखें
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