आज के आधुनिक युग में गलत रहन-सहन तथा आधुनिक जीवन पद्धति के कारण हर व्यक्ति थका-थका सा रहता है। ये थकान एक बिमारी का रूप ले चुकी है। चारों तरफ देखें तो पता चलता है कि हर व्यक्ति किसी न किसी बोझ से दबा है। कोई शारीरिक रूप से, कोई मानसिक रूप से थका है। जब ये महसूस हो कि आराम करना चाहिये, तो इसका अर्थ ये है कि हम शारीरिक या मानसिक रूप से थक गये हैं। कुछ व्यक्ति बिना कोई कार्य किये ही स्वयं को थका-थका महसूस करते हैं। सामान्य थकान एक प्राकृतिक क्रिया है, परंतु बिना किसी कारण के होने वाली थकान किसी समस्या से कम नही है।

चिकित्सक की भाषा मे कहा जाय तो जब शरीर के रक्त और आक्सीजन मे शर्करा की मात्रा कम हो जाती है तो मासपेशियों को पर्याप्त खुराक की मात्रा नहीं मिल पाती जिससे मासपेशियां शिथिल हो जाती हैं और शरीर की शक्ति को कम कर देती हैं। जिससे व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है।

ऐसे बहुत से कारण हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति थकान महसूस करता है। यदि संतुलित भोजन ना लिया जाय और शरीर मे पोषक तत्वो की कमी हो जाय तब शरीर कमजोर हो जाता है और थकान महसूस होती है। दूसरी तरफ संतुलित भोजन ना लेने से मोटापा आ जाता है। मोटापा बढ़ने से अधिकतर थकान महसूस होती है। मोटापा होने से तथा कमजोर होने से दोनो स्थितियों मे थकान होती है।

संतुलित भोजन शरीर मे स्फुर्ति पैदा करता है। इसलिये भोजन पर खास ध्यान देना चाहिये। अपने भोजन मे फल, हरी  सब्जियाँ, दूध, पनीर, शहद, अंकुरित दालें, तथा चोकर युक्त आटा का प्रयोग करना चाहिये। बाज़ारी पेय पदार्थो का कम से कम सेवन करना चाहिये। संतुलित भोजन लेने से थकावट का अहसास भी नही होता।

आज के आधुनिक युग मे सभी के जीवन मे तनाव और चिंता है। किसी को पढाई-लिखाई की चिंता, किसी को काम-काज की चिंता, किसी को जिम्मेवारी की चिंता। सभी किसी न किसी चिंता से थके हुये हैं। इस थकान से व्यक्ति तनाव ग्रस्त रहता है, चिड-चिडापन आ जाता है, भूख नहीं लगती, ठीक ढ़ंग से नींद नहीं आती तथा उत्साह मे भी कमी आ जाती है। प्रत्येक व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक तनाव के कारण स्वयं मे थकान महसूस करता है। इस थकान को दूर करने के लिये आराम की ज़रूरत पडती है। आराम से हम थकान को दूर भगा सकते है।

जीवन मे जितना ज़रूरी है कार्य करना उतना ही ज़रूरी है आराम करना। क्योकि यदि व्यक्ति थका हुआ है तो वह सुचारू रूप से कार्य भी नहीं कर सकता, थोड़ी सी थकान हो तो थोड़ा सा विश्राम कर लेना, किसी से बात कर लेना, अपना ध्यान कहीं ओर लगाने से थकान दूर हो जाती है। जिससे दोबारा काम-काज करने की स्फुर्ति आ जाती है। परंतु दिनभर की थकान केवल रात भर की नींद ही समाप्त कर सकती है। दिन भर के कार्यो से शरीर की उर्जा नष्ट हो जाती है, जिसे वापिस प्राप्त करने के लिये रात की नींद आवष्यक है, जो शरीर को स्वस्थ रखती है। नींद की कमी से व्यक्ति थका-थका रहता है और फिर रोगो से आक्रमित हो जाता है। पूर्ण रूप से ली गयी नींद मानसिक और शारीरिक तनाव को कम कर व्यक्ति को तरोताज़ा कर देती है।

खाली बैठ कर अर्थात बिना कोई श्रम किये जो थकान महसूस होती है उसके लिये जरूरी है कि श्रम किया जाय तथा कुछ व्यायाम किया जाय। व्यायाम से आयी थकान शरीर मे स्फुर्ति पैदा करती है तथा कईं रोगो का नाश करती है। संतुलित भोजन लेकर, पूर्ण नींद लेकर, थोडा व्यायाम कर अपने जीवन को व्यवस्थित तथा कामयाब बना सकते हैं।