पेन्क्रियास शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रन्थि है जहां पेट के महत्वपूर्ण स्त्राव निकलते है। यह abdomen में stomach के पीछे फैली रहती है
इस ग्रन्थि से दो रस निकलतें हैं
- अग्नाशय रस— यह एक प्रबल पाचक रस होता है इसमें तीन प्रकार के स्त्राव होते हैं। रस सामान्य पित्त वाहिनी से मिलकर ग्रहणी में खुलते है और भोजन को पचाकर आगे की ओर धकेलते हैं। जब अग्नाशय ग्रन्थि द्वारा इस रस का स्त्रावण बहुत कम या बंद हो जाता है तो पेन्क्रिटाइटिस अर्थात अग्नाशय शोथ हो जाता है ।
- इन्सूलिन- अग्नाशय ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित होने वाला दूसरा स्त्राव है जो सीधा रक्त में मिलकर ग्लूकोज की मात्रा को नियन्त्रित करता है।
लक्षण
- पेन्क्रिटाइटिस रोग में रोगी के पेट में दर्द बना रहता है दर्द तीव्र होता है उल्टियों की शिकायत लगातार व बार-बार बनी रहती है। जो कुछ भी खाया पीया है सब बाहर आ जाता है, पेट फूलना जारी रहता है।
- इस रोग में रक्त में एमलाइलेज का स्तर बढ जाता है।
कारण
पेन्क्रिटाइटिस चूकि आंतों का रोग है अत: ऑतों से सम्बन्धित कोई भी परेशानी पेन्क्रिटाइटिस बन जाती है जैसे
- लम्बे समय तक कब्ज रहना, या अमीबोबाइसिस का होना।
- हाइपर एसिडिटी भी पेन्क्रिटाइटिस का कारण हो सकती है।
- मैदा युक्त खाना, बासीखाना, ठूस-ठूस कर खाना, अधिक गरिष्ठ भोजन करना जैसी समस्याओं से ग्रस्त होते हैं उन्हें यह रोग हो सकता है।
- म्यूपस, पीलिया व टायफाइड रोगी को वायरस तेजी से पकडता है और इनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है अत: इन रोगियों को पेन्क्रिटाइटिस होने का खतरा रहता है।
- एंटीबॉयटिक की अधिकता भी पेन्क्रिटाइटिस का कारण बन जाती है क्योंकि शरीर उस मात्रा में एन्टीबॉड़ीज़ ड़्वैलप नही कर पाता है जिस मात्रा में एंटीबॉयटिक दी गई है और शरीर प्रतिक्रिया स्वरूप पाचक रसों का स्त्राव बंद कर देता है।
उपचार
पैन्क्रिटाइटिस का सिर्फ एक ही उपचार है—‘उपवास’
ऐसे रोगी को 5 दिन के लिए पूर्ण उपवास पर रखना होगा इस उपवास के दौरान पानी देना भी बंद होता है शरीर को पानी की पूर्ति ड्रिप द्वारा की जाती है। पूर्ण उपवास के दौरान अग्नाशय पाचक रसों का स्त्राव धीरे-धीरे शुरू कर देता है उपवास निम्नानुसार रखें।
शुरू के 5 दिन | पूर्ण उपवास | |
6 से 8वा दिन | पानी उपवास | 1-1 चम्मच हर 15 मिनट के अन्तराल से पानी पिलाये। |
9 वें दिन | रस उपवास | पानी के साथ 2-2 चम्मच मौसमी का रस दें। |
10 वें दिन | उपवास | 50मि.लि. पानी ग्लूकोस युक्त हर 1 घण्टे बाद 20ml रस हर 2 घण्टे बाद |
12 वें दिन | उपवास | 70 ml पानी हर घण्टे बाद 100 ml रस हर 3 घण्टे बाद |
13 वें दिन | उपवास | 70 ml पानी हर घण्टे बाद 100 ml रस हर 4 घण्टे बाद |
14 वें दिन | उपवास | पानी प्यास अनुसार 15 ml रस दिन में पाच बार 100 ml दूध दिन में दोबार |
15 वें दिन | 150 ml दूध * 20 gm दलिया * उबली सब्जी 20 gm * रस | |
16 वें दिन | दूध * 50 gm दलिया सुबह शाम * उबली सब्जी सुबह शाम | |
17 वें दिन | दूध दलिया, दहीं, सब्जी, * 1/2 रोटी | |
18 वें दिन | दूध दलिया दही * सब्जी * रोटी भूख से कम |
यह उपचार अपने डॉक्टर की सलाह और निगरानी में करें।
Dr Virendera Agarwal