Health

गर्भवस्था और स्वस्थ

हमेशा से यही कहा जाता है कि गर्भवती होना अर्थात स्त्री का दूसरा जन्म होना। इस दौरान स्त्री के लिए जोखिम जुड़े होते हैं। लेकिन कुछ प्रैगनेंसी काफी हाई रिस्क होती हैं खासकर जब इस दौरान कोई स्वस्थय सम्बन्धी समस्या हों। इसलिए प्रैगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपना खास ध्यान रखना चाहिए। अपना ध्यान कैसे रखना चाहिए, इस बारे में कुछ जरुरी बातों की जानकारी होना अति आवश्यक है।

माईग्रैन

गर्भावस्था के दौरान काफी महिलाओं को माईग्रेन हो जाता है। कुछ महिलाओं को सिर-दर्द में कमी आ जाती है। यदि आप माईग्रेन की कोई दवा लेते हैं तो अपने ड़ॉक्टर को पहले ही बता देना चाहिए। ताकि वह आपको बता सके कि वह दवा आपके गर्भ के लिए सुरक्षित है या नहीं। यदि इस दौरान कोई सर-दर्द की कोई दवा ले रहे हैं तो अपने ड़ॉक्टर से पूछ कर ही लें।

अस्थमा

यदि गर्भवती महिला को अस्थमा की समस्या है तो घबराने की जरूरत नहीं है। यदि आप अपने ड़ॉक्टर को इसकी जानकारी पहले ही दे देते हैं तो वह आपको बता सकते हैं कि कोन्सी दवाएं लेना सुरक्षित है। आप स्वयं भी अपना ख्याल रख सकती हैं समय पर अपनी दवा ले कर।

डॉयबीटीज़

पहले से ड़ॉयबीटीज़ होने पर आप शुरु से ही अपनी शुगर को नियंत्रण में रख सकती हैं। ऐसे में गर्भधारण से 2-4 महीने पहले ही अपनी शुगर पर नियंत्रण रख लेना चाहिए। यदि ड़ॉयबीटीज़ को नियंत्रण में रखा जाए तो गर्भावस्था के दौरान कोई समस्या नहीं आती।

किड़नी की समस्या

गर्भावस्था के दौरान अक्सर युरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन (UTI) होने के खतरे बढ़ जाते हैं। यदि ये समस्या प्रैगनेंसी से पहले है तो पहले इसका इलाज करवाएं। क्योंकि यदि इसका इलाज ना किया जाए तो किड़नी के लिए हानिकारक होता है।

थायरॉयड़

हाईपोरॉयड़ या हाईपोथॉयरॉयड़ दोनों स्थितियों में ड़ॉक्टरी परामर्श की ज़रूरत है इसलिए प्रैगनेंसी से पहले ही इसकी जांच करवा लेनी चाहिए ताकि उसके अनुसार दवा का निर्धारण किया जा सके।

कैंसर

यदि कभी कैंसर हुआ है तो प्रैगनेंसी से पहले अपने ड़ॉक्टर से सलाह जरूर करें ताकि बच्चे के लिए कोई खतरा ना हो और प्रैगनेंसी के दौरान कोई समस्या ना हो।

हाईपरटेंशन

हाईपरटेंशन ऐसी समस्या है जिसका प्रभाव मां और बच्चे दोनों पर पड़ता है। इसकी वजह से मां को किड़नी की समस्या और सिर दर्द होने का खतरा रहता है और बच्चे की ग्रोथ की समस्या और खून की कमी हो जाने का खतरा रहता है। जिससे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

एनिमिया

एनिमिया यानि खून की कमी, थकान और सांस का फूलना। इस दौरान शरीर में लौह तत्व Iron की कमी हो जाती है इसलिए अपनी ड़ॉक्टर की सलाह से आयरन सप्लीमैंट जरूर लेनी चाहिए। प्रैगनेंसी के दौरान यदि किसी भी तरह की तकलीफ हो जाए तो अपने ड़ॉक्टर को जरूर पूरी बात बताएं ताकि वह आपको उचित दवा बता सके जो आपकी प्रैगनेंसी के लिए सुरक्षित हो। इसके साथ-साथ आपका भी दायित्व बनता है कि आप अपना पूरा ख्याल रखें।