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लौह तत्व/प्रोटीन IRON/PROTEIN

IRON

शरीर के लिए आयरन बहुत ही महत्वपूर्ण मिनरल है जो लाल रक्त कणों red blood cells को शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में सहायक होता है। इसलिए आयरन की कमी से व्यक्ति एनीमिक हो जाता है और एनीमिक व्यक्ति के रक्त में  ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

युं तो प्रत्येक व्यक्ति को आयरन की आवश्यकता होती है परंतु गर्भवती महिलाओं को आयरन लैवल बढ़ाने के लिए आयरन की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। जो गर्भ में पलने वाले शिशु के लिए बहुत ज़रूरी है। कमजोर लोगों को तथा बच्चों की बढ़ोतरी के लिए आयरन आवश्यक है।

आयरन रैड़ मीट, फिश, सूखे मेवे, पालक, बींस आदि में पाया जाता है।

प्रोटीन photo                                                                              

प्रोटीन साधारणत: शरीर की बढ़ोतरी के लिये बहुत जरुरी है। प्रोटीन प्राय: एनिमल प्रोटीन और वैजिटेबल प्रोटीन के रुप में पाया जाता है। एनीमल प्रोटीन – मीट, अन्डा, मछली इत्यादि में पाया जाता है। वैजीटेबल प्रोटीन – दूध तथा दूध से बनी वस्तुए जैसे पनीर, क्रीम, सोयाबीन, दालें, राजमां, अकुंरित दालें, मुगंफली, अखरोट तथा बादाम आदि में पाया जाता है।                               

प्रोटीन की कमी से शरीर में खून की कमी हो जाती है। जिगर (Liver) बड़ा हो जाता है और जिगर में सूजन आ जाती है। त्वचा (Skin) खुष्क (Dry) हो जाती है तथा एग्ज़ीमा  (Eczema) होने का खतरा होता है।

प्रोटीन हमेशा सीमित मात्रा में लेना चाहिए। प्रोटीन की अधिकता से बदहजमी हो सकती है और त्वचा में जलन महसूस हो सकती है। प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा हर व्यक्ति के लिये अलग-अलग निर्धारित की जाती है। बुजुर्गों के लिये अलग मात्रा, बच्चों के लिये अलग, गर्भवती महिलाओं के लिये अलग मात्रा होती है।

यदि हम प्रोटीन की सही मात्रा लेते हैं तो हम जल्दी बूढे नहीं होते, शरीर के बाडी सैल ( Body cell) मजबूत होते हैं, मासपेशियां (Muscles) मजबूत होती हैं तथा घुटनों के जोडों का दर्द भी कम होता है। प्रोटीन की सही मात्रा से वजन भी कम किया जा सकता है क्योंकि प्रोटीन वसा (Fats) को समाप्त करता है।

गर्भवती महिलाओं को प्रोटीन सही मात्रा में लेना चाहिए जिससे होने वाला बच्चा स्वस्थ पैदा हो और महिला का स्वस्थ भी ठीक रहे। अपने खान-पान में कुछ भी बदलाव लाने से पहले अपने डाक्टर से सलाह अवश्य ले।