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हींग Asafetida

हींग का प्रयोग प्रत्येक घर में इस्तेमाल किया जाता है। हींग ना तो कोई फल है ना ही कोई फूल, ये तो पेड के तने से निकली हुई गोंद होती है। इसके पत्ते एक से दो फीट लंबे होते हैं और इसके पेड की उंचाई पाँच से नौ फीट होती है। हींग भोजन में डालने से खाने का स्वाद तो बढता ही है और इसका औशधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। जिससे कईं तरह की तकलीफों से छुटकारा पाया जा सकता है।

  • हींग को खाने में डालने से गैस, अपच, अफारा नहीं होता और भोजन आसानी से पच जाता है।
  • प्रसव के बाद हींग का सेवन करने से गर्भाश्य की शुद्धि होती है तथा पेट से सम्बंधित तकलीफों से छुटकारा मिलता है।
  • पेट में दर्द होने पर हींग को थोडे से पानी में घोल कर नाभि के आसपास लगाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है। पेट का फूलना और भारीपन दूर होता है।
  • पेट में दर्द होने पर हींग, नमक और अजवायन को मिला कर हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से राहत मिलती है।
  • हींग अपच, जी मितलाना, सर्दी, जुकाम, खांसी के कारण सिरदर्द होने पर हींग का सेवन करना चाहिए।
  • एसिडिटी होने पर हींग को गुड के साथ गर्म पानी के साथ खाने से आराम मिलता है।
  • उल्टी आने पर हींग को पाने में घोल कर पेट पर लगाने से आराम मिलता है।
  • गर्मियों में छाछ में या भोजन में हींग का इस्तेमाल करने से गैस, पेट दर्द तथा हैजा में आराम मिलता है।
  • हींग का धुआ सूंघने से हिचकिया बंद हो जाती हैं।
  • हींग का धुंआ लेने से हाथों की मेहंदी ज्यादा रंग लाती है।
  • दांत दर्द होने पर हींग में थोडा सा कपूर मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
  • हींग के टुकडे को सेककर रुई के फाहे में लपेट कर दांत के नीचे रखने से दांत के दर्द में आराम मिलता है।
  • कान में दर्द होने पर तिल के तेल में हींग को पकाकर उस तेल को कान में लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
  • हींग में नमक मिला कर पानी के साथ लेने से निम्न रक्तचाप में आराम मिलता है।
  • नशा होने पर हींग को पानी में घोल कर पिला देना चाहिए। इससे नशा उतरने में सहायता मिलती है।
  • यदि जोडों का दर्द रहता है तो हींग का सेवन काफी फायदेमंद होता है।
  • हींग का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन बनता है और रक्त चाप का स्तर नीचे गिरता है। इसलिए बल्डशुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग का सेवन करना चाहिए।
  • जब कभी पांव में कांटा लगे तब हींग का घोल उस स्थान पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है और कुछ ही दिनों में कांटा भी स्वत: निकल जाता है।
  • माईग्रेन या सरदर्द होने पर हींग को पानी में घोल कर इस लेप को माथे पर लगाने से आराम मिलता है।
  • हींग का सेवन शरीर में खून को पतला करने में मदद करता है और खून को जमने से रोकता है जिससे कोलोस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है।
  • त्वचा से संबंधित रोग जैसे दाद, खाज, खुजली में हींग बहुत ही फायदेमंद है।
  • पसलियों में दर्द होने पर हींग को गर्म पानी में घोलकर लेप लगाएं इससे काफी आराम मिलता है।
  • जुकाम होने पर नाक बंद हो जाती है जिससे सांस लेने में कठिनाई आती है। उस समय हींग को पानी में घोल कर सूंघने से नाक खुल जाती है और सिर का भारीपन भी ठीक हो जाता है।
  • छाती में यदि कफ जकड जाए तब हींग के तेल की दो बूंदे गरम पानी में डाल कर भाप लेने से आराम मिलता है।
  • हींग के तेल से छाती में, गले में और पीठ पर मालिश करने से जकडन ठीक होती है।

जुकाम शुरु होते ही कफ बनने पर हींग के चूर्ण में अदरक का चूर्ण अर्थात सौठ पॉउडर और दो चम्मच शहद मिलाकर थोडी-थोडी देर बाद सेवन करने से संक्रमण को समाप्त किया जा सकता है।