Health

चीनी अर्थात मीठा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

मक्खन, घी, तेल इस प्रकार के वसा युक्त खाद्ध पदार्थो के बाद चीनी ही ऐसी वस्तु है जो शरीर के लिए सबसे ज्यादा नुकसान दायक है। चीनी एक प्रकार का मीठा जहर है। चीनी का अधिक प्रयोग ह्रदय सम्बन्धी तथा रक्त सम्बन्धी रोगों को आमंत्रण देना है। चीनी के अधिक प्रयोग से खून में अमलता बढ़ती है और कई तरह के पेट सम्बन्धी रोग हो जाते हैं। चीनी की बजाय यदि प्राकृतिक वस्तुएं जैसे सूखे मेवे, खजूर, गुड़, शहद तथा फल का प्रयोग किया जाय तो काफी फायदेमन्द होगा।

चीनी जितनी सफेद या दानेदार होगी उतनी ही नुकसान दायक होगी। वैसे तो चीनी रक्त में पहुंच कर उर्जा प्रदान करती है परंतु ये उर्जा कुछ वक्त के लिए ही होती है। चीनी की बजाय चीनी से बनी वस्तुएं जैसे मिठाईयां ज्यादा हानिकारक होती हैं जिससे मधुमेह (Diabetes) हो जाता है। एक साधारण व्यक्ति में शुगर 70 एम.जी.पी होती है परंतु भोजन के बाद ये 160 एम.जी.पी हो जाती है। चीनी की अधिकता के कारण इंसान का मस्तिष्क संतुलन भी बिगड जाता है।

चीनी गन्ने के रस से बनाई जाती है, गन्ने का रस स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोष्टिक भी होता है। गन्ने के रस में कैल्शियम, आयरन, खनिज लवण तथा विटामिन बी काफी मात्रा में पाये जाते हैं। रस में इतने पोष्टिक तत्व होने के बावजूद भी चीनी में कोई भी पोष्टिक तत्व बाकी नही रह जाता क्योंकि चीनी को सफेद तथा दानेदार बनाने के लिये जो तरीका प्रयोग में लाया जाता है उससे रस में विद्धमान सभी गुण नष्ट हो जाते हैं, केवल मिठास रह जाती है।

इसलिए स्वस्थ निरोग जीवन के लिये चीनी एवं चीनी से बने खाद्य पदार्थों का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।