Astrology

ज्योतिष विज्ञान विदेश में प्रवास

आजकल हर व्यक्ति के ह्रदय में विदेश में बसने की तीव्र इच्छा होती है तथा हमारे पास जो प्रश्न आते हैं उसमें अधिक संख्या यह जानने वालों की होती है कि क्या उन्हे permanent residency परमानैंट रेसीडेंसी मिलने का योग है या नहीं।

किसी भी जातक को यह जानने के लिए कि क्या उसका विदेश में प्रवास सम्भव है या नहीं (जिसे हम permanent displacement from the country of birth कहते हैं) जानने के लिए जो ग्रह सबसे ज्यादा कारक होते हैं, वे ही शनि और राहु तथा छोटी यात्राओं के लिए शनि और राहु के अतिरिक्त चंद्रमा तथा शुक्र भी प्रभाव डालते हैं।

इसके अतिरिक्त जन्मपत्री के जो 12 भाव रहते हैं, उसमें से सप्तम, अष्टम, नवम तथा बारहवें भाव की स्थिति तथा उसमें जो ग्रह है, उस पर निर्भर करता है।

उदाहरण के लिए यदि पहले ग्रह का स्वामी यदि 12वें भाव में है तो विदेश में प्रवास की तीव्र सम्भावना बन जाती है, इसके अतिरिक्त बहुत से और भी योग हैं जैसे चतुर्थ भाव के स्वामी का 12वे भाव में स्थित होना आदि।

हर जन्मपत्री की स्थिति अलग होती है तथा इस की विवेचना करनी पडती है तथा यह भी देखना पडता है कि जातक की किस ग्रह की दशा या महादशा चल रही है। इस से हम ज्ञात कर सकते हैं कि समय प्रतिकूल है या अनुकूल है तथा इसके अतिरिक्त D9 तथा D12 chart अर्थात नवमांश तथा द्वादशमांशा chart का अध्धयन करना पडता है।

प्राचीन समय में अपने घर या मातृभूमि को छोड कर जाने में कोई इच्छुक नहीं होता था पर आज कल better opportunities के लिए विदेश में प्रवास एक तीव्र इच्छा बन गई है। हम देखते हैं कि किसी व्यक्ति को वीज़ा शीघ्र प्राप्त होता है तथा कुछ को वर्षों तक संघर्ष करना पडता है। यह जातक की जन्मपत्री पर निर्भर करता है।

यदि आपके पास भी कोई प्रश्न है तो आप अपने प्रश्नों को  [email protected] पर भेजे। हम उन का उत्तर यथा सम्भव देने का प्रयत्न करेंगे।

मनोज तलवार