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पर्यटन में सुकून

अक्सर हम सभी ने देखा है कि जब कभी फिल्मों में किसी की तबीयत खराब होती है तब डॉक्टर कहते हैं कि इन्हें किसी हिल स्टेशन पर ले जाएं, हवा पानी बदल जायेगा जिससे तबीयत में सुधार होगा। फिल्मों में ही नहीं असल जिंदगी में भी सेहत बिगड़ने पर आजकल डॉक्टर भी आबो हवा बदलने के लिए किसी हिल स्टेशन पर या फिर किसी शांती प्रिय जगह पर जाने की सलाह देते हैं। किसी दूसरे स्थान पर जाने का असली मकसद होता है कि मरीज़ का ध्यान दूसरी तरफ ले जाया जाय ताकि भाग-दौड़ की जिंदगी से थोड़ा आराम मिले।

वैसे आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर थोड़े समय के बाद बदलाव की जरूरत होती है। ‘काम से घर और घर से काम’ इंसान इतना व्यस्त हो गया है कि उसे कुछ पलों के लिए ही सही अपने लिए इस रूटीन से हट कर कुछ वक्त चाहिए। दिलो-दिमाग की शांती के लिए घूमने जाना बहुत जरूरी है, कुछ पलों का ये सैर सपाटा हम सभी के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

हमारे मन का सम्बंध सीधा सेहत से जुड़ा होता है। अगर हमारा मन खुश है तो हमारी सेहत भी ठीक रहती है। लगातार काम करते रहने से मन थक जाता है, उदास हो जाता है और शरीर में सुस्ती आ जाती है जिसका असर सेहत पर पड़ता है। अत: काम के अलावा कहीं घूम कर आना बहुत आवश्यक होता है जिससे मन प्रसन्नचित रहता है, काम से राहत मिलती है जिससे दिमाग को भी आराम मिलता है। इसके अलावा कुछ और देखने और सोचने को मिलता है जिससे दिल और दिमाग की सेहत ठीक रहती है अर्थात हम स्वस्थ रहते हैं।

जीवन की भाग दौड़ में ऑफिस का काम, घर-ग्रहस्थी का काम और बहुत सी जिम्मेदारियां जो एक बंधी-बंधाई सी जिंदगी का अहसास दिलाती हैं। यदि कहीं सैर-सपाटे पर जाते हैं तो हर तरह की जिम्मेदारियों से कुछ समय के लिए मुक्त हो कर आन्नदित होते है। फिर वापिस लौट कर दोगुने उत्साह से काम की शुरुआत करते हैं।

जाहिर है कि जब भी हम कहीं घूमने जाते हैं तो दूसरे स्थान का सब कुछ बदला हुआ होता है। वहां जाकर उस स्थान की बोली, पहनावा और रहन-सहन को समझते हैं। वहां की काफी चीज़ों को सीखने की कोशिश करते हैं। इससे हमे बड़ा फायदा मिलता है और सीखने की क्षमता बढ़ती है, हमारा ज्ञान बढ़ता है।

जहाँ हम घूमने जाते हैं वहाँ के माहोल को समझने की कोशिश करते हैं, उसके विस्तार को समझते हैं। जब कभी भी मन अशांत होता है ऐसे में खुली हवा, नए लोगों के चेहरे और वहाँ की बहुत सी एक्टीविटी के कारण मन को सुकून मिलता है।

घूमने के दौरान हम नए लोगों से मिलते हैं तो हमारा सामाजिक दायरा भी बढ़ता है। दूसरों के विचार, अच्छाईयों और बुराईयों से अवगत होते हैं और वहाँ के रीती-रिवाजों को जानते हैं। नए लोगों से मिलते हैं तो ये बदलाव मन को प्रसन्न कर देता है और हममें सकारात्मक बदलाव आते हैं।

सबसे बड़ी बात, जब भी हम कहीं बाहर घूमने जाते हैं तब इस दौरान यदि कभी कोई परेशानी आती है तो हम खुद ही उससे निबटने की कोशिश करते हैं। उस समय खुद ही निर्णय लेना पड़ता है। खुद ही परिस्थिति से जूझ कर समस्या से पार आते हैं। हमे हमारी तकलीफों से जूझने की ताकत मिलती है।

इस तरह यदि हम कहीं बाहर घूमने जाते हैं तो मोज-मस्ती के अलाव हमे बहुत कुछ सीखने और समझने को मिलता है। साथ ही साथ हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है।

इसलिए हमे अपने काम से ब्रेक लेकर कुछ समय के लिए घूमने जाना चाहिए।